नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए नीतियां बनाने वाले सर्वोच्च निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान जारी कर कहा कि 29 जुलाई को मुंबई और पुणे में एक रीयल एस्टेट कंपनी के 40 परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दावा किया है कि उसने 700 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है।
हालांकि, इस बयान में समूह की पहचान जाहिर नहीं की गई है। लेकिन आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह हबटाउन समूह है। बयान में कहा गया है कि तलाशी के दौरान विभाग को कमर्शल और रेजिडेंशल ब्लॉकों की बिक्री पर धन प्राप्ति के सबूत मिले हैं। इसके अलावा फर्जी असुरक्षित लोन, फर्जी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स और कई अन्य लेन-देन में हेरफेर कर करीब 700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई।
बयान में कहा गया है कि तलाशी में अजीब-गरीब लेनदेन की गुत्थी को पकड़ा जिसमें खातों में हेरफेर करके 525 करोड़ रुपये की इनकम को गायब कर दिया गया। वहीं, कमर्शल और रेजिडेंशल ब्लॉकों की बिक्री से 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त की गई। इसके अलावा तलाशी में 14 करोड़ रुपये के आभूषण भी पकड़े गए हैं। यह छापे अभी भी चल रहे हैं।