प्रयागराज(प्रभाकर शुक्ला): अगर आज कोई सड़क पर साइकिल चलाता दिख जाये तो लोग उसे एक गरीब आदमी की सवारी के रूप में देखते है| लेकिन इसका एक दूसरा पहलु भी है, कि साइकिल चलाना लोगों को फिट रहने के लिए प्रेरित भी करता है, और इस प्रेरणा का उदहारण बने प्रयागराज के 42 वर्षीय मनीष मिश्रा| जो इस समय पेरिस के प्रतिष्ठित आयोजन Ran-donnee-Paris-Brest- Paris-2019 (एक अंतरराष्ट्रीय साइकलिंग इवेंट) में व्यस्त है|
एक अंतरराष्ट्रीय साइकलिंग इवेंट, जहां दुनिया भर के लगभग 7000 साइकलिस्ट मौसम, भू-भाग, स्वास्थ्य और मैक्रानिकल चुनौतियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगे, ताकि दुनिया की सबसे बड़ी साइकलिंग चुनौतियों में से एक को पूरा किया जा सके।
यह आयोजन 18 और 22 अगस्त को majestic park of rambouillet’s castle near paris में शुरू होगी। इस आयोजन में तय समय सीमा में प्रतिस्पर्धा को पूरा करने वाला पदक जीतता है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले 42 वर्षीय मनीष मिश्रा लेखा परीक्षक के कार्यालय में एक वरिष्ठ लेखा परीक्षक पद पर तैनात है| मनीष अब इस शारीरिक और मानसिक प्रेरणा की चुनौती को लेने के लिए तैयार हैं। उनका उद्देश्य इस निश्चित दूरी के साइकिलिंग इवेंट को पूरा करने के अलावा सभी देशवाशियों और विशेष रूप से युवाओं और किशोरों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए साइकिलिंग को गले लगाने के लिए प्रेरित करना है|
उन्होंने इलाहाबाद खबर से खास बातचीत में बताया कि मैं अपने स्कूल के दिनों से साइकिल चलाने का इच्छुक हूँ। हालाँकि, फिट रहने और लोगों को फिट रहने के लिए प्रेरित करने के लिए साइकिल पर चलने का गंभीर कदम उठाया और उन्होंने कहा कि इसे एक गरीब आदमी की सवारी के रूप में देखें| आज, हमारे एजी यूपी कार्यालय में 25 साइकिल चालक का एक समूह है, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं| इसके अलावा प्रयागराज में हमारे 50 से अधिक डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य पेशेवर लोग भी इसमें शामिल है|
उन्होंने बताया कि 2017 में मनाली से लेह (550 KM) की यात्रा की है। मैंने प्रयागराज से दो साल पहले ही साइकिल से हजरतगंज में एक कप कॉफी पीने के लिए आया था। मैंने मात्र 8: 30 घंटे में 210 किलोमीटर को कवर किया|
आगे उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय साइकलिंग इवेंट के बारे में बताया कि इसमें 13:30 घंटे के भीतर 200 किलोमीटर की दूरी तय करना, 20 घंटे के भीतर 300 किलोमीटर की दूरी और इसके बाद 27 घंटे में 400 किलोमीटर की साइकिल चलाना होता है| इसके अलावा 40 घंटे के भीतर 600 किलोमीटर और अंत में 600 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पूरी करनी होगी। यह सभी सभी एक ही कैलेंडर वर्ष के भीतर करना होता है।
मनीष ने साँझा किया कि ऐसा होने के बाद अब मैं फ्रांस के लिए तैयार हूं| मनीष यूपी का एकमात्र साइकिल चालक है, जिसके पास पैरिस इवेंट के लिए क्वालीफाइ है।
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