कानपुर: शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके हैं ऐसे में आज आज हम आपको देवी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसपर भक्तों की अटूट आस्था है| कानपुर के बारहदेवी मंदिर की जो पौराणिक और प्राचीनतम मंदिरों में सुमार है| इस मंदिर का सटीक इतिहास तो किसी को भी नहीं पता लेकिन कानपुर और आस-पास के ज़िलों में रहने वालो लोगों में इस मंदिर की देवी के प्रति अगाध विश्वास है|
साल के बारह महीनों और ख़ास कर नवरात्रि में लाखों भक्तों की अटूट आस्था इस मंदिर में भीड़ के स्वरुप में देखने को मिलती है| इस मंदिर की खास बात यह है कि मां बारहदेवी के दर्शन करने के बाद चुनरी बांधकर दीपक जलाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं|
मंदिर के लोगों की मानें तो कुछ समय पहले एएसआई की टीम ने इस मंदिर का सर्वेक्षण किया था और यह पाया था की यह मूर्ती लगभग 15 से 17 सौ वर्ष पुरानी है| वास्तव में इस मंदिर का इतिहास क्या है इसकी सटीक जानकारी किसी को नहीं है| इसने किसने, कब क्यों बनावाया, ये आज भी एक रहस्य है इसके बाद भी बारहदेवी के प्रति लोगों की आस्था बरक़रार है| इस मंदिर में लम्बे समय से आने वाले भक्तों के अनुसार मां उनकी हर मुरादें पूरी करती हैं|
वैसे तो साल भर माता के दर्शनों को लिए भक्तों की कतार रहती है पर नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में भक्तों का सैलाब देखते ही बनता है| लाखों भक्त नवरात्रि के दिनों मां के दर्शन कर अपनी मनोकामना का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं|
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