Home अजब गजब आज भी इस मंदिर में विश्राम करने आते है महाबली हनुमान

आज भी इस मंदिर में विश्राम करने आते है महाबली हनुमान

by admin

कानपुर: हिंदू धर्म में महाबली हनुमान जी को श्री राम जी का सबसे परम भक्त माना जाता हैं| वैसे तो भारत के हर कोने कोने में महाबली हनुमान जी के मंदिर मौजूद है और इन सभी मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यता और विशेषताएं हैं| लेकिन भारत में मौजूद महाबली हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसका सीधा संबंध महाभारत से है| यह मंदिर दुनिया भर में अपनी विशेषता के लिए मशहूर है।

जयपुर के अलवर जिले में स्थित पवन पुत्र के इस मंदिर का नाम पांडुपोल हनुमान मंदिर है| इस मंदिर के अंदर महाबली हनुमान जी शयन मुद्रा में लेटे हुए हैं ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर महाबली हनुमान जी विश्राम करने के लिए रुके थे| प्राचीन कथाओं के अनुसार जब पांडव अपनी माता कुंती के साथ वन में भटक रहे थे| उस दौरान यह लोग घूमते घूमते अलवर के इस वन क्षेत्र में आ गए थे| ऐसा कहा जाता है कि पांडवों के विचरण के दौरान एक स्थान ऐसा आया जहां से आगे जाने का उन्हें कोई भी रास्ता नहीं मिला था, तब महाबली भीम ने रास्ते में खड़ी विशाल चट्टान को अपनी गदा के प्रहार से चकनाचूर कर के रास्ता बना दिया था|

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इस घटना से प्रभावित होकर भीम के भाइयों और माता ने उनके बल की खूब प्रशंसा की थी इस पर प्रसंशा से भीम को अपने अंदर घमंड आ गया था| आगे चलकर पांडव को रास्ते में एक बड़ा बूढ़ा वानर लेटा हुआ मिला भीम ने उनको वहां से उठकर कहीं और विश्राम करने के लिए कहा था।

जब महाबली भीम ने उस बूढ़े वानर को ऐसा कहा तब उस वानर ने उनको कहा कि मैं बुढ़ापे की वजह से हिल डुल नहीं पा रहा हूं| तुम लोग दूसरे रास्ते से आगे बढ़ जाओ परंतु भीम को वानर की यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई और वह उस वानर को वहां से हटाकर दूर करने के लिए आगे बढ़ा|

कहा जाता है कि शरीर तो दूर भीम उस वानर की पुंछ को भी नहीं हिला पाया था काफी कोशिश करने के बावजूद भी जब वानर बिल्कुल भी टस से मस नहीं हुआ तब भीम ने लज्जित होकर उससे अपनी गर्व भरी बातों के लिए क्षमा याचना की तब वह वानर अपने असली रूप में आ गया वह वानर स्वयं महाबली हनुमान जी थे।

भीम ने अपनी गलतियों के लिए महाबली हनुमान जी से माफी मांगी तब हनुमानजी ने उसको माफ कर दिया था और उन्होंने भीम को महाबली होने का वरदान दिया और उन्हें कभी अहंकार ना करने की भी सलाह दी| जिस स्थान पर महाबली हनुमान जी विश्राम कर रहे थे उस स्थान पर पांडुपोल हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया गया था| ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर आज भी महाबली हनुमान जी विश्राम करने के लिए आते हैं।

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