Home अजब गजब यूपी: इस मंदिर में शिवलिंग पर लिखा है उर्दू में कलमा, विषैले सांप करता है रक्षा, बड़ी दिलचस्प है कहानी

आगरा: सावन के पावन महीने में हर तरफ बस महादेव के जयकारों की गूंज हैं| सड़कों पर कांवड़ियां झूमते दिख रहे हैं| और घरों में श्र्द्धा भाव से भगवान शंकर की पूजा हो रही है| इसी क्रम में आज हम आपको शिव जी के एक अनोखे मंदिर में बारे में बताएँगे|

यूपी के गोरखुर से 30 किलोमीटर दूर खजनी कस्बे के सरया तिवारी गांव में स्थित इस शिव मंदिर में भगवान का एक भव्य शिवलिंग है लेकिन जो बात इस मंदिर और इस शिवलिंग को बाकियों से अलग बनाती है| क्योंकि इस शिवलिंग पर कलमा लिखा है| जी हां सही सुना आपने| अब आपके जहन में ये सवाल उठ रहा होगा| कि हिंदू धर्म के भगवान का मुस्लिम धर्म के कलमे से क्या लेना देना, और क्यों शिवलिंग पर कलमा लिखा गया है| तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है|

दरअसल शिवलिंग पर कलमा लिखे होने को लेकर वहां मान्यता है कि जब क्रूर आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने भारत पर हमला किया था तो उससे गोरखपुर का ये शिव मंदिर भी नहीं बच पाया| उसने यहां आकर मंदिर को पूरी तरह तबाह कर दिया लेकिन शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया| गजनवी ने इसकी बहुत कोशिश की लेकिन शिवलिंग टस से मस नहीं हुआ| जब महमूद गजनवी इसमें सफल नहीं हो पाया तो उसने शिवलिंग पर ही उर्दू में ही इस्लाम धर्म कै कलमा लिख दिया|

मंदिर का पंडित और गांव के बुजुर्ग भी इस मान्यता की तस्दीक करते हैं| इस मंदिर को लेकर वहां के बुजुर्ग बताते हैं कि यहां का इतिहास काफी पुराना है और ऐसा शिवलिंग पूरे भारत में कहीं और नहीं है| उन्होंने बताया कि कलमा लिखे शिवलिंग पर घी का लेप जितना लगाया जाता है शिवलिंग उतना ज्यादा चमकने लगता है|

इस मंदिर की विशेषता को लेकर यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवलिंग पर कई बार लोगों ने एक विषैले सांप को फन फैलाए बैठे हुए भी देखा है लेकिन जैसे ही कोई भक्त भगवान भोले की पूजा के लिए आता है सांप वहां से चला जाता है और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है|

इस विशेष शिवलिंग वाले मंदिर को लेकर गांव के लोगों का दावा है कि अगर पुरातत्व विभाग मंदिर के आसपास की खुदाई करे तो निश्चित तौर पर इतिहास से जुड़े और साक्ष्य मिलेंगे क्योंकि गजनवी ने यहां लूट की नीयत से आक्रमण कर मंदिरों को तोड़ा था| लोगों ने कहा मंदिर को तोड़े जाने के बाद भी उस समय लोगों ने यहां पूजा जारी रखी और उनकी भगवान भोले के इस मंदिर में असीम आस्था है|

इस मंदिर को लेकर एक और कहानी काफी प्रचलित है कि वहां एक ऐसा पोखर है जहां मल्ल राजा ने आकर स्नान किया था और उन्हें कुष्ठ रोग से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई थी| आज भी वहां लोग अपने रोग को ठीक करने के लिए पोखर में नहाते हैं और दावा किया जाता है इससे उन्हें बीमारी से छुटकारा मिल जाता है|

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