कानपुर: बदायूं रेप कांड पर आधारित फिल्म आर्टिकल 15 के विरोध में कानपुर में लोगों ने सिनेमा हॉल में लगे फिल्म के पोस्टरों को फाड़ दिया। इसके साथ ही जेड स्क्वायर मॉल में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। बवाल बढ़ता देखकर कई थानों की फोर्स को सिनेमा हॉल के बाहर तैनात कर दिया गया। हंगामे को देखते हुए जिला प्रशासन ने आर्टिकल 15 के फिलहाल सभी शो बंद करा दिए हैं।
बता दे कि साल 2014 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में दो चचेरी बहनों के साथ गैंगरेप के बाद उनके शव पेड़ से लटके हुए मिले थे। आर्टिकल 15 इस सत्य घटना पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म में लड़कियों और उनके परिवार पर जुल्म करने वाले एक महंत के बेटों को दिखाया गया है, जो ब्राहम्ण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वहीं पीड़ित लड़कियों को दलित दिखाया गया है। ब्राहम्ण समाज का कहना है कि इस फिल्म के माध्यम से छवि को धूमिल किया जा रहा है और समाज को बांटने का भी काम किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी सुशील शास्त्री ने कहा कि, सत्य घटना पर आधारित फिल्म को सत्य तरीके से दर्शाया जाना चाहिए था। पीड़ित लड़कियां मौर्य समाज की थी और आरोपी यादव थे। लेकिन इस फिल्म में पैसे कमाने के लिए और समाज को बांटने के इरादे से लड़कियों को दलित दिखाया गया है। इसके साथ ही लड़को को महंत के बेटे दिखाया गया है। जबकि ये झूठ है। ऐसा नहीं करना चाहिए था। हम इस फिल्म को चलने नहीं होने देंगे। सिटी मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश ने बताया कि, लोगों के विरोध को देखते हुए फिल्म को प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है।