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जल ही जीवन है। हम सभी यह जानते हैं, हालांकि इन तीन शब्दों के महत्व को कम ही लोग महसूस करेंगे। विज्ञान की माने तो कम पानी पीने वाले लोगों को कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। 25 साल तक चले एक अध्ययन में यह मामला सामने आया। वैसे तो हम सभी ने देखा है कि Dehydration के कारण कई तरह की समस्याएं होती हैं। शरीर में इंफेक्शन होने पर भी डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की उपेक्षा करते हैं। यह आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
अकाल मृत्यु का खतरा
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन मध्यम आयु वर्ग के लोगों के खून में सीरम सोडियम का स्तर ज्यादा होता है, उन्हें गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। इतना ही नहीं, उनकी मृत्यु दर भी अधिक है। ऊंचा सीरम सोडियम स्तर का सबसे आम कारण कम पानी पीना है। अध्ययन में यह भी सामने आया कि जिन लोगों में सोडियम का स्तर अधिक था, उनकी सेलुलर उम्र भी अधिक थी, यानी उम्र बढ़ने के लक्षण भी जल्दी आ गए। उनमें शीघ्र मृत्यु के लक्षण भी पाए गए थे।
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इससे दिमाग की कार्यप्रणाली में फर्क पड़ता है
लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए शारीरिक गतिविधि, उचित पोषण और जलयोजन भी महत्वपूर्ण पाया गया है। वैसे तो पानी के अलावा कुछ अन्य कारक भी सोडियम के उच्च स्तर के लिए जिम्मेदार होते हैं। पानी आपके शारीरिक स्वास्थ्य और सुंदरता के अलावा अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। कई अध्ययनों से पता चला है कि निर्जलीकरण मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित करता है।
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प्यास लगने से पहले पानी पिएं
प्रति दिन कितना पानी पीना है, इस पर अलग-अलग राय हो सकती है। आमतौर पर प्रति दिन 2.5 से 3 गिलास (8 से 11 गिलास) पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त, रस या कुछ स्वस्थ पेय आपके जलयोजन का स्रोत हो सकते हैं, लेकिन उन्हें पानी से न बदलें। ध्यान रहे कि प्यास लगने पर जब हम पानी पीते हैं तो कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं। प्यास लगने से पहले हमेशा पानी पिएं।