आगरा: यदि आप दो मोरपंखी अपने पूजा-स्थल में रखेंगे तो पति-पत्नी का आपसी मनमुटाव दूर हो जाएगा। इसी प्रकार यदि पंचतत्वों का घर में सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है व ऊर्जा का नकारात्मक प्रभाव अपने घर में महसूस करते हैं तो 5 मोरपंख पूजा स्थान में रखें, जल्दी ही उसका सुखद परिणाम भी देखेंगे।
अगर आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में नहीं है व मुख्य द्वार पर अन्य किसी प्रकार का वास्तुदोष आ रहा है, जैसे वेध दोष आदि, तो आप अपने द्वार/चौखट के ऊपर एक बैठी हुई मुद्रा में गणेश जी लगाएं व उनके ऊपर तीन मोरपंखी लगाएं तो इससे आपके मुख्य द्वार के वास्तुदोष में भी कमी आयेगी।
मोरपंखी को जोड़कर 7 या 9 पंखों का एक गोल पंखा आप बाजार से लेकर अपने पूजा स्थान में शुक्ल पक्ष में रख दें व एक सप्ताह बाद उसको उठाकर अपने बेडरूम में अपने बेड के पीछे की दीवार पर सजावट के रूप में लगा दें। आप देखेंगे कि जल्दी ही पत्नी-बच्चे सभी से पारिवारिक तालमेल बहुत अच्छा हो जाएगा व जिन्दगी खुशहाल बनेगी।
यदि बीमारी पीछा नहीं छोड़ती, घर में किसी न किसी की दवाई आती रहती है तो गुरुवार को एक मोरपंखी अपनी मेडिकल फाइल में रख दें, इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।
यदि घर काफी बड़ा है व संयुक्त परिवार में रहते हैं तो एक बड़ा गोल वाला पंखा, जिसमें 11 या 15 या और ज्यादा मोरपंख हों, उसे अपने घर के ड्राइंग रूम में या डार्इंनग रूम में लगा सकते हैं, शीघ्र ही आपको संयुक्त परिवार में आपस में अच्छा सामंजस्य देखने को मिलेगा और आपस में अच्छे मधुर रिश्ते देखने को मिलेंगे।
जहां मोरपंख लगा हो, वहां कीड़े-मकोड़े, छिपकली, कॉकरोच तंग नहीं करते, जो घर में साफ-सफाई व अच्छी ऊर्जा के लिए अति आवश्यक है। यदि धन की समस्या आ रही है तो घर के आग्नेय कोण में अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा में अपनी कमर से ऊपर कंधे की ऊंचाई पर दो मोरपंखी शुक्ल पक्ष में लगायें, जल्दी ही धन प्राप्ति के नये अवसर प्राप्त होने लगेंगे।
यदि घर में कोई नवजात शिशु या छोटा बच्चा है, जो रात को चौंक जाता है, डरकर रोना शुरू कर देता है तो उसके सिरहाने के नीचे एक मोरपंखी तुरन्त रख दें, बच्चा चौंकना व डरना बंद कर देगा। ध्यान रखें, कभी भी टूटा हुआ यानी खंडित मोरपंख उपयोग में न लायें, वरना सही परिणाम नहीं मिल पायेंगे।
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