Home Latest विघ्नहर्ता श्रीगणेश का आज है जन्मदिवस, ये है पूजन का शुभ मुहूर्त

आगरा: 2 सितंबर यानी भाद्रपद शुक्लपक्ष की गणेश चतुर्थी पर गणेश झांकी लगाई जाती है| पूजा अर्चना स्थापना की जाती है| विद्या अध्ययन की शुरुआत की जाती है| इस बार गणेश चतुर्थी पर श्रेष्ठ मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं|गणेश चतुर्थी को दिन में अपराह्न 3 बजकर 15 मिनट से पहले गणेश विग्रह की विधिवत स्थापना कर लें| इसके उपरांत भद्रा लग जाएगी| भद्रा रात्रि 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगी|

दोपहर में अभिजित मुहूर्त गणेश पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है| इसका समय 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 36 मिनट तक है| सपरिवार भगवान विनायक के विग्रह का षोडशोपचार से पूजन करें| मोदकों का भोग लगाएं| पट्टी-पुस्तक का पूजन करें| तत्पश्चात् सौभाग्यवती माताएं हरितालिका व्रत और गणेश चतुर्थी के व्रत को पूर्ण करें|

विनायक चतुर्थी भोर में 4 बजकर 56 मिनट पर आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगी| जो व्रती प्रत्येक विनायक और संकष्टी चतुर्थी के व्रत रखते हैं, वे गणेश चतुर्थी का व्रत अगले दिन पूर्ण कर सकते हैं| चंद्रदर्शन और पूजन इस दिन निषिद्ध रहता है| ऐसे में वे व्रत को दोपहर की पूजा के बाद भी पूर्ण कर सकते हैं|

यह एकमात्र ऐसी चतुर्थी होती है जिसमें चंद्रमा को अर्घ्य देने और दर्शन करने से बचा जाता है| गणेश चतुर्थी को चंद्रदर्शन अकारण के आरोप और आक्षेप लगने का कारक माना जाता है| जानबूझकर चंद्रदर्शन से बचें| भूलवश देख लें तो एक छोटी सी कंकरी उठाकर दूर फेंक दें| इससे दोष का परिहार हो जाएगा|

सबसे कठिन व्रतों में से एक हरितालिका व्रत के अगले दिन गणेश चौथ आती है| श्रेष्ठ संतान और परिवार के सुख के लिए माताएं हरितालिका व्रत में निराहार निर्जला रहती हैं| रात्रि में जागरण और पार्वती-महादेव की पूजा करती हैं| ब्रह्म मुहूर्त में शिव-गौरी की आरती पूजन और विसर्जन कर गणेश पूजन की तैयारी करती हैं|

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