प्रयागराज: मध्य प्रदेश में भारी बारिश और माताटीला व बरियारपुर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते पिछले दो दिनों से गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसी के साथ शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच शुक्रवार सुबह नौ बजे माताटीला बांध से 4.14 लाख क्यूसेक और बरियारपुर बांध से 1.72 लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है, जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ चौकियों पर राहत शिविरों के प्रबंध शुरू कर दिए हैं। वहीं, कछारी इलाकों दारागंज, सलोरी, बघाड़ा, बेली में पानी घुसने से खलबली मच गई है।
केन और बेतवा में उफान की वजह से यमुना में जल दबाव लगातार बढ़ रहा है। शाम को गंगा के जलस्तर में तीन और यमुना में चार सेंमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वृद्धि होती रही। इससे कछार के कई इलाके जलमग्न हो गए। सिंचाई बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम से जारी बुलेटिन के अनुसार रात दस बजे गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.75 मीटर, छतनाग में 82.07 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 82.66 मीटर रिकार्ड किया गया। देर शाम दारागंज जाने वाली रामघाट दशाश्वमेध घाट की सड़क भी डूब गई। श्मशान घाट पर पानी आ गया। सैकड़ों की तादात में तीर्थपुरोहितों की चौकियां और पूजा-प्रसाद बेचने वाले बांध पर पहुंच गए।
सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के एक्सईएन बृजेश सिंह के मुताबिक माताटीला व बरियारपुर से लगातार पानी छोड़े जाने के साथ ही हमीरपुर में यमुना के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। इससे आने वाले 24 घंटे के दौरान यमुना के जलस्तर में तेजी का रुख बना रहेगा।
जलस्तर
82.75 मीटर पर फाफामऊ में गंगा
82.66 मीटर पर नैनी में यमुना