इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वर्तमान व भूतपूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों ने एक पत्रकार वार्ता करके
सेंटर ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट तथा सेंट्रल ऑफ साइंस एंड सोसाइटी में घालमेल करके तीन अवैध नियुक्तियों का मसला, जिसके खिलाफ छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव व छात्र नेता अजीत विधायक ने कुलपति को शिकायती पत्र भेजा है जिसकी शीघ्र निस्तारण की अपील की।
उत्कृष्ट छात्र द्वारा डी फिल की उपाधि वापसी लेने का मुद्दा प्रमुखता से उठा इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय है, खासतौर से विश्वविद्यालय के पीआरओ चितरंजन कुमार का बयान विशेष रूप से निंदनीय रहा उनसे आग्रह किया गया इसे तत्काल वापस ले और क्षमा मांगे।
विश्वविद्यालय के पीआरओ द्वारा आटा के भूतपूर्व अध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारी ,संस्कृत विभाग के सम्मानित पूर्व विभागाध्यक्ष ,को ‘सड़क छाप’ कहना पूरे विश्वविद्यालय का अपमान है, इसकी शिकायत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कर दी गई है तथा चितरंजन कुमार द्वारा दिया गया बयान शिक्षकों के सर्विस रूल आफ कंडक्ट के विपरीत है| जो इनकी सेवाएं समाप्त कर सकता है। चूंकि कार्यपरिषद ने यह निर्णय ले लिया है कि पूर्व माननीय उच्च न्यायालय न्यायाधीश अरुण टंडन भविष्य में किसी भी समिति का हिस्सा नहीं रहेंगे ।
अतः हम यह मांग करते हैं कि पूर्व में ऐसी समितियों जिसका हिस्सा अरुण टंडन थे,उन सभी की पुनः जांच की जाए जिसमें हंगलू के कदाचार प्रकरण की जांच भी शामिल है। आज संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में चल रहे छात्र संघ बहाली के आंदोलन का 29 वां दिन रहा।
समिति ने विशेष बैठक आहूत की जिसमें विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अतेंद्र सिंह तथा भूतपूर्व छात्र संघ महामंत्री निर्भय द्विवेदी ने सूचित किया कि निरंतर लगभग 1 माह से चल रहे छात्र संघ बहाली आंदोलन को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर विद्यार्थी परिषद उपस्थित रहेगा तथा हर संघर्ष में शामिल रहेगा।
संयुक्त संघर्ष समिति ने एक प्रस्ताव पास करके विश्वविद्यालय के पीआरओ चितरंजन कुमार के बयानों की निंदा की और उनके खिलाफ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस आशय का पत्र लिखा कि उनके बयान विश्वविद्यालय के महिमा और गरिमा के विपरीत हैं तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से निवेदन किया है कि वह विश्वविद्यालय में शिक्षक रहने लायक नहीं है तथा उनकी सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए ।
आंदोलन में समाजवादी पार्टी नेता अभिषेक यादव सम्मिलित हुए व कहा कि सोची समझी साजिश के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की आवाज दबा रहा है इसमें कहीं न कहीं केंद्र व राज्य सरकार भी दोषी है। सभा का संचालन करते हुए पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमजा व चंद्रशेखर चौधरी ने कहा कि तानाशाही पूर्ण रवैया से छात्रसंघ को दबाया नहीं जा सकता हम छात्रसंघ बहाली तक आंदोलन जारी रखेंगे।
इस दौरान वर्तमान अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव, उपाध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व अध्यक्ष दिनेश सिंह यादव, पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव, वरिष्ठ छात्रनेता अखिलेश गुप्ता गुड्डू, अरविंद सरोज, अविनाश विद्यार्थी, संदीप मोर्चा, अजय सम्राट, सत्यम कुशवाहा, अंकित प्रतिहार, रजनीश यादव, मृत्युंजय मिश्रा, अश्वनी, मसूद ,आदिल,सारस्वत आदि मौजूद रहे।