प्रयागराज: छात्रसंघ बहाली के समर्थन में आंदोलनरत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव समेत तीन के खिलाफ कर्नलगंज पुलिस को चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे की नियुक्ति पर सवाल उठाने के मामले में तहरीर दी गई है। चीफ प्रॉक्टर का कहना है झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
दरअसल, छात्रसंघ बहाली के समर्थन में आंदोलनरत इविवि के छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर प्रो. रामसेवक दुबे की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और एससी-एसटी आयोग को पत्र लिखा था। पत्र में आरोप लगाया कि प्रोफेसर रामसेवक दुबे की नियुक्ति रोस्टर ऑफ पोस्ट ऑफ असिस्टेंट प्रोफेसर क्रमांक संख्या 214 कैटेगरी एसटी-16 डेट ऑफ अपॉइंटमेंट 23 जून 1996 विज्ञापित संख्या 1/95 हुई है।
आरोप लगाया कि प्रो. दुबे ने सामान्य वर्ग से होते हुए भी अपनी नियुक्ति छलपूर्वक एससी-एसटी के अंतर्गत ली है। इस विज्ञापन को हाईकोर्ट ने रद कर पुर्ननियुक्ति के आदेश जारी किए थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व कार्य परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफेसर सीएल खेत्रपाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रोफेसर दुबे की नियुक्ति को चुनौती दी थी।
चीफ प्रॉक्टर ने मामले में निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव, उपाध्यक्ष अखिलेश यादव और सत्यम सिंह सनी के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस को दी गई तहरीर में चीफ प्रॉक्टर का कहना है कि ये सभी विवि में आधारहीन भ्रामक सूचनाएं फैला रहे हैं। इस विज्ञापन को कहीं चुनौती भी नहीं दी गई है। इविवि से निलंबित और निष्कासित होने के बाद यह नई साजिश है।