आगरा: वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों के कारण देश की धरोहर ताजमहल परिसर की स्वच्छता बनाए रखना मुश्किल हो गया है| हैरानी की बात है कि आगरा के भव्य मुगल स्मारक का दीदार करने के लिए रोजाना यहां पहुंचने वाले हजारों पर्यटक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अति प्रचारित स्वच्छता अभियान के बारे में क्या सोचेंगे|
ताजमहल हर शुक्रवार को बंद रहता है| भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आउटसोर्स भारतीय विकास ग्रुप के 28 कर्मचारी वेतन नहीं मिलने के कारण बुधवार और गुरुवार को हड़ताल पर थे| गुस्साए कर्मचारियों ने बताया कि पिछले तीन महीने से वे प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला|
कर्मचारियों ने बताया कि बकाया वेतन का भुगतान नहीं होने के चलते एक सफाई कर्मचारी की पत्नी ने पैसे के अभाव में अस्तपाल में दम तोड़ दिया| हड़ताल के चलते सार्वजनिक शौचालयों से बदबू आ रही है और कचरे इधर-उधर बिखरे पड़े हैं| एएसआई ने सफाई का काम करवाने के लिए आगरा नगर निगम से मदद मांगी है|
उधर, ताज महल परिसर की स्वच्छता बनाए रखने में कुप्रबंधन और अधिकारियों की तटस्थता से आगरा में पर्यटन क्षेत्र के लोग हैरान हैं| पर्यटन उद्योग के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि वे स्वच्छता जैसे मूलभूत सेवा का भी प्रबंध नहीं कर सकते हैं| यह सचमुच हैरानी की बात है|