लखनऊ: विज्ञापन में फिल्मी हस्तियों द्वारा किए गए दावों पर उत्पाद खरा नहीं उतरता तो अब उत्पाद बनाने वाली कंपनी के साथ विज्ञापन करने वाली हस्ती के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। राज्यसभा में मंगलवार को उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 ध्वनिमत से पारित हो गया है।
मालूम हो कि यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। इसके तहत अब उपभोक्ताओं के अधिकार और मजबूत होंगे तथा उनकी शिकायतों के शीघ्र निपटान के लिए तंत्र बनाया जाएगा। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा, कहा सरकार उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करने के इरादे से यह विधेयक लेकर आई है।
इस बिल के तहत उत्पादों का भ्रामक प्रचार करने वाली फिल्मी हस्तियों पर जुर्माना समेत जेल भेजने तक की कार्रवाई का प्रावधान होगा। इसके अलावा किसी उत्पाद की गलत शिकायत मिलने पर पूरे बैच की जांच की जाएगी। साथ ही सामान की गुणवत्ता को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्रभावी ढंग से निपटाने का तंत्र विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को कानून बनाते समय मंत्रालय शामिल करेगा। प्रवर समिति द्वारा दिए गए सभी पांच सिफारिशों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और भाकपा सांसद केके रागेश ने बिल को प्रवर समिति के पास जांच के लिए भेजने का संशोधन प्रस्ताव पेश किया।
पासवान ने बताया कि सदस्यों के विरोध के बाद हेल्थ केयर का हिस्सा बिल से हटा दिया गया है। बिल के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन किया जाएगा जो उपभोक्ताओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा और इनसे जुड़े मामलों के निपटान को देखेगा। इसके अलावा पासवान ने बताया कि विज्ञापनों में स्टंट सीन को लेकर भी जल्द नियम बनाया जाएगा।