Home इलाहाबाद छात्र संघ बहाली व उपाध्यक्ष पर हुई कार्रवाई को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू

प्रयागराज: छात्र परिषद का विरोध कर रहे छात्र संघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव को विश्वविद्यालय परिसर से निलंबित ब्लैक लिस्टेड और अब डिग्री वापस लेने की कारण बताओ नोटिस से छात्रों में काफी आक्रोश व्याप्त है| इसी आक्रोश को लेकर सोमवार को छात्रों ने छात्रसंघ भवन के सामने अपनी प्रमुख पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया|

जिनमें प्रमुखता से

1.  छात्र बहाल किया जाए
2. छात्र संघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव समेत सभी निलंबित एवं निष्कासित छात्रों पर की गई कार्यवाही वापस की जाए।
3. पठन पाठन को सुचारू रूप से चलाने हेतु जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
4. छात्रावासों को जल्द से जल्द आवंटित किया जाए व मेश सब्सिडाइज्ड किया जाए।
5. डेलिगेसी के छात्रों को उचित रूम किराया भत्ता दिया जाए आदि है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारी भी धरने में आए जिनमें पूर्व महामंत्री सुरेश यादव ,पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव, निवर्तमान उपमंत्री सत्यम सिंह सैनी ने अपना समर्थन दिया।

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव व महामंत्री सुरेश यादव ने कहा छात्रसंघ को एकाएक स्वरूप बदलकर छात्र परिषद लागू करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है तथा विश्वविद्यालय की गरिमा को कलंकित करती है जिससे विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार बढ़ेगा और प्रशासन अपनी मनमानी करेगा।

निवर्तमान छात्र संघ उपाध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर जातिवाद करने का आरोप लगाया है ,अखिलेश का कहना है कि मैं पिछड़े समाज से आता हूं, 13 प्वाइंट रोस्टर से लेकर विश्वविद्यालय के विभागों में आरक्षण के मुद्दों को उठाते आया हूं ,जिसकी बातें इस जातिवादी प्रशासन को नागवार गुजर रही है। जिसके फलस्वरूप विश्वविद्यालय प्रशासन हमारे ऊपर लगातार कार्यवाही कर रहा है,जिनमे छात्रसंघ बहाली के आंदोलन भी प्रमुख है।

सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज यादव व राकेश कुमार ने कहा कि छात्र समस्याओं को लेकर छात्रसंघ पदाधिकारी के पास जाता है और विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्र नेताओं व छात्रों का निलंबन निष्कासन कर उनका जीवन बर्बाद करने पर लगा हुआ है ,विश्वविद्यालय में जैसे अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है।

समर्थन में आए एनएसयूआई के राष्ट्रीय समन्वयक जितेश मिश्रा व युथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक का कहना है कि विश्वविद्यालय में पूरी तरह से संवादहीनता व्याप्त है ,जिससे तमाम समस्याएं उभर कर आ रही हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से या तो थानों में बात करता है या अदालत के द्वारा बात करता है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।

धरना प्रदर्शन के दौरान सूरज कुमार बौद्ध , अविनाश विद्यार्थी, जितेंद्र धनराज, दुर्गेश प्रताप सिंह, निशांत रस्तोगी ,अजय सम्राट , हिमांशु शुक्ला ,शशांक शर्मा, विपिन बिक्कू, सत्यम कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

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