भदोही: ज्ञानपुर से निषाद पार्टी के विधायक विपुल दूबे की हत्या की साजिश के मामले में पूर्व विधायक विजय मिश्रा के भतीजे डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्र को राहत दी है। अपर सत्र न्यायाधीश अशद अहमद हाशमी की अदालत ने एक लाख के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया। पूर्व विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार को दो दिनों में कोर्ट से दो बार राहत मिल चुकी है। इससे पहले आर्म्स एक्ट में निचली अदालत की सजा पर रोक लगी है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर गोपीगंज पुलिस ने 15 मई 2022 को पूर्व विधायक विजय मिश्र, उनकी पत्नी रामलली, बेटी रीमा पांडेय, भतीजे मनीष मिश्र के खिलाफ ज्ञानपुर विधायक विपुल दूबे की हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया था।
सामूहिक दुष्कर्म और अन्य मामलों में जेल में बंद डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्र, निवासी खपटिहां, हंडिया प्रयागराज, वर्तमान पता नवधन ऊंज ने गुरुवार को पेशी के दौरान अपने अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला के माध्यम से कोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इसमें साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया।
बताया कि इस मामले में 11 मई को वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बाद में कार्रवाई की गई। वादी राजकमल तिवारी के पिता कृष्ण मोहन तिवारी ने विजय मिश्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जबकि विजय 25 माह से आगरा जेल में निरुद्ध है।
ऐसे में आरोपी सद्दाम हुसैन और सोनू की ओर से धनापुर आवास पर जाकर पैसे मांगने का कोई औचित्य ही नहीं है। आरोपी सद्दाम और सोनू की जमानत जून 2022 में कोर्ट से मंजूर हो चुकी है। वह शिव कुमार उर्फ सोनू और सद्दाम हुसैन को न जानते और न पहचानते हैं।
मामले में विधायक ज्ञानपुर विपुल दूबे की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों के मद्देनजर अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने ब्लॉक प्रमुख डीघ की जमानत को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने एक लाख की दो जमानत और उतने के बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया।