रामपुर: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान और उनके करीबी रिटायर्ड सीओ आले हसन के खिलाफ लोगों को डरा धमका कर उनकी ज़मीन कब्जाने के आरोपों में अब तक 13 मुक़दमे दर्ज हो चुके हैं| अब रामपुर के ही लोग आज़म खान के खिलाफ सड़कों पर उतर आये हैं| नौबत ये आ चुकी है कि आज़म खान के विरोधी और समर्थक सड़कों पर आमने सामने हैं जिसकी वजह से रामपुर की कानून व्यवस्था संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है|
आज़म खान के समर्थकों के यहां पुलिस लगातार दबिशें दे रही है| बता दें कि इस मामले में आज़म खान और उनके करीबी रिटायर्ड सीओ आले हसन कि भी गिरफ़्तारी हो सकती है| पुलिस आले हसन के बेटे वसीम और आज़म खान के करीबी सलीम कासिम को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है|
रामपुर के जिला अधिकारी और एसपी के मुताबिक लगभग 26 किसानों ने शिकायत की है| आरोप है कि सपा सरकार में मंत्री रहते हुए आज़म खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन ने उन्हें डरा धमका कर और झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी ज़मीने हड़प ली और उन्हें आज़म खान की यूनिवर्सिटी के नाम ज़बरदस्ती लिखवा लिया गया| यहां तक की पीड़ित अब अपनी ज़मीनों पर जा भी नहीं सकते हैं|
मंगलावार को रामपुर के लोग पीड़ित किसानों के साथ मिलकर आज़म खान की यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना प्रदर्शन करने पहुंच गये जहां उनका सामना आज़म खान के समर्थकों से हो गया| दोनों तरफ से खूब हंगामा हुआ जिसपर पुलिस ने काबू पाया| लोग पुलिस और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सपा सरकार में कब्जाई गयी उनकी ज़मीनें आज़म खान के कब्जे से मुक्त कराएं|
आज़म खान और उनके बेटे का कहना है कि ज़मीन उन्होंने पैसे देकर खरीदी है और वो उसके मालिक हैं लेकिन पुलिस का कहना है कि जांच में कुछ ज़मीन के गाटे ऐसे पाए गये हैं जिस जमीन की रजिस्ट्री नहीं की गयी है और वो आज़म खान की यूनिवर्सिटी के अंदर मिला लिए गये हैं|