नई दिल्ली: लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पति की गिरफ्तारी के बाद क्या कोई शौहर पत्नी को मुआवजा दे पाएगा, पति जेल में बैठा रहे और औरत तीन साल तक उसका इंतजार करती रहे, शादी से निकलने का हक उस औरत को मिलना चाहिए| उन्होंने कहा कि बेल देने का अधिकार कोर्ट को है लेकिन हत्या में भी पीड़ित को नहीं सुना जाता है| ओवैसी ने कहा कि सरकार शादी को खत्म कर रही है, औरत को सड़क पर ला रही है, शौहर को जेल में डाल रहे हैं|
उन्होंने कहा कि जब तक तलाक नहीं होता तो किस बात की सजा दे रहे हैं| ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी जनम-जनम का साथ नहीं है, यह एक कॉन्ट्रैक्ट है| जिदंगी की हद तक है और हम उसमें खुश हैं| सबको तकलीफ मालूम हैं जिनकी शादी हो चुकी है और तभी सब हंस रहे हैं|