लखनऊ: सीएम योगी की सरकार उत्तर प्रदेश में नए मोटर व्हीकल ऐक्ट 2019 के तहत निर्धारित जुर्माने की राशि संशोधन की तैयारी में है। जून, 2019 में योगी सरकार ने मोटरयान नियमवाली 1988 की धारा 200 को संशोधित किया था। इसके तहत बिना हेल्मेट, बिना नंबर प्लेट, और बगैर ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने जैसे मामलों में जुर्माने की राशि में वृद्धि की गई थी।
इस मामले पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने कहा कि सरकार जनता को राहत देने के लिए काम कर रही है। यातायात अपराधों पर लगने वाले जुर्माने की दरों के पुनर्निर्धारण पर विचार किया जा रहा है। जो फैसला जनता के हित में होगा, उसी पर अमल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शहर से लगे गांवों में ट्रैक्टरों के चालान काटे जाने से किसानों में भी नाराजगी पैदा हो रही है। एक तरफ सरकार किसानों की हितैषी बन रही है तो दूसरी तरफ चालान कटवा रही है। इसके नियमों में शिथिलता जरूरी है। जो जरूरी पहलू हैं, उसमें कड़ाई से पालन करवाया जाए तो ठीक है लेकिन बहुत ज्यादा मामले में चप्पल पहनने पर भी चालान कटा है। यह कहां तक ठीक है? ऐसी कई खामियां देखने को मिल रही हैं। ऐसे में अगर इसे कम न किया गया तो आगे चलकर यह सरकार के लिए मार्ग अवरोधक कदम साबित होगा।
केंद्रीय ऐक्ट में राज्य सरकारों को आपराधिक मामलों में केंद्र द्वारा निर्धारित जुर्माने की दर को अपने स्तर पर घटाने-बढ़ाने का अधिकार है। हालांकि, प्रदेश में अब भी उसी दर से जुर्माना लिया जा रहा है, जो प्रदेश सरकार ने बीते जून में लागू किया था। परिवहन विभाग के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि जून में लागू जुर्माने की दर को संशोधित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।